Categories

Posts

अबकी बार जला देना मां

कभी-कभी समाचार पत्रों में कुछ खबरें ऐसी होती है जो हृदय को व्यथित तो करती ही है साथ ही समाज में फैली गंदगी को यह कहकर दर्शाती है,कि देखो विश्व की सर्वश्रेष्ठ कही जाने वाली हमारी वैदिक संस्कृति को वासना की दीमक किस तरह धीरे-धीरे चट कर रही है। और भय ये है की शायद आने वाले दिनों में पूर्ण रुप से चट न कर जाये!
कल गाजियाबाद के मोदीनगर में तलहेटा गांव से एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसे पढ़कर लगा कि क्या इंसान इससे भी नीचे गिर सकता है! यदि इस प्रकार के कुकृत्य कर सकता है तो फिरमेरा मानना है कि इंसान भगवान की सबसे सुन्दर कृति नहीं है। खबर थी,जिसमें कब्र खोदकर महिला की लाश निकाली गयी है और फिर उसके साथ बलात्कार जैसा घिनोंना कृत्य किया गया है। बता दूँ कि 26 वर्षीय महिला की दिल का दौरा पडने से मौत हो गयी थी,जिसके बाद उसे दफना दिया गया था। अगली सुबह उस महिला की लाश कब्र से करीब 20 फीट की दूरी पर आपत्तिजनक स्थिति में मिली। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची । शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। पुलिस की नजरों में यह महज एक घटना है जिसे कुछ अराजक तत्वों ने अंजाम दिया होगा। पर मानव जाति के लिए इससे शर्मनाक कृत्य क्या होगा! यह एक अकेली घटना नहीं है अभी कुछ दिन पहले पाकिस्तानी मिडिया के हवाले से खबर थी कि पाकिस्तान के कई प्रान्तों से अलग-अलग कब्रिस्तानों में इस प्रकार के कई सारे मामले संज्ञान में आये जिसमें कब्र खोदकर रेप की घटना सामने आई जिनमें अधिकतर नाबालिग बच्चियों और युवतियों को शिकार बनाया गया।
अब यदि इस प्रकार के मामलों का गहराई से अध्ययन करें तो पता चलता है कि इस प्रकार के कृत्य करने वाले लोग संकीर्ण,कुठिंत मानसिकता के रोगी होते है जो यौंन संबध स्थापित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है। छोटे बच्चों से लेकर वर्द्ध महिला और तो और कई बार इस प्रकार की बीमारी से ग्रसित रोगी जानवरों तक में योंन सुख की प्राप्ती खोजते हैं। अब यदि हम मूल घटना पर आयें तो कब्र खोदना और उसके बाद युवती के शव के साथ रेप की घटना निंदनीय विषय के एक विचारणीय विषय भी है कि आखिर ये इस प्रकार के रोगी हमारे समाज में कैसे पनपें? दरअसल आज हमारा समाज बेहद दूषित संस्कृति और खान-पान से जुझ रहा है,जिसे हम लोग आधुनिकता भी कहते है। मनोरंजन के नाम पर अश्लील फिल्में,अश्लील गीत संगीत और विज्ञापनों के द्वारा लोगों के मस्तिक्ष में नंगता,सेक्स घुसेडा जा रहा है। अब जो मस्तिक्ष में जायेगा वो कल्पना कभी-कभी प्रयोगात्मक कृत्यों के द्वारा बाहर भी आती है जिनमें कुछ योन कुंठा के शिकार रोगी इस प्रकार की घ्रणित अशोभनीय घटनाओं को जन्म तक दे देते है। इस प्रकार की घटनाओं पर यदि कुछ मनोचिकित्सको की माने तो इस प्रकार के रोगी कई बार कुक्रर्म करने के बाद हत्या तक कर डालते है। उस वक्त इन्हें रिश्तें नातें समाज की मर्यादा का भी ख्याल नहीं रहता जैसे अभी कई रोज पहले मुंबई के बाहरी इलाकें में एक बेटे के द्वारा अपनी मां के साथ रेप के बाद हत्या का मामला सामने आया था। इस तरह की अनेकों घटनाऐं ऐसी भी होती है जो समाज के सामने नहीं आती |

आज बच्चों का पालन-पोषण बेहद विपरीत परिस्थियों में हो रहा है। जिसमें उसे पारिवारिक सामाजिक ज्ञान नहीं मिल पाता और वो अपनी वैदिक संस्कृति शाकाहारी खान-पान से दुर हो जाता है। जिसका नतीजा ये इस प्रकार की घटनाओं का होना है और आज जिस तरीके से आधुनिकता की आड में समाज का निर्माण हो रहा है। उसे देखकर लगता है कि आने वाले समय में इस प्रकार की घटनाएं कम होने की बजाय और बढेगी। क्योंकि जो वासना का जहर आज खुले तौर पर बिक रहा है वो जब भी अपना असर दिखायेगा तो कभी जिन्दा तो कभी मुर्दा नारी शिकार जरुर बनेगीं। बहरहाल अब राजनेता कुछ कहे या समाज कुछ कहे लेकिन उस लडकी की आत्मा क्या कहती होगी यही कि अबकी बार दफ़नाने की बजाय जला देना माँ भले ही लोग तुझे कहे काफिर पर मेरे जिस्म को जला देना मां।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *