Categories

Posts

आखिर पाकिस्तान किसका दुश्मन है?

मैंने अभी कई दिन पहले ही आत्म विष्लेशण किया तो लगा कि देश में हो रही तमाम घटनाओं को पढ़-पढ कर मेरे भीतर का मनुष्य कमजोर होने लगा है। और में स्वयं को मनुष्य मानने की बजाय एक हिन्दू मानने की राह पर चल पडा हूँ ! जबकि में दिन में तीन चार बार सर्व कल्याण मन्त्र “सर्वे भवन्तुः,सर्वे सन्तु निरामया”को पूरे मनोयोग से दोहराता रहता हूँ
9 अक्टूबर को शिवसेना की धमकी के बाद पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का शो रदद हो गया जिसे कुछ लोगों ने कला का अपमान कहा तो किसी ने अथिति देवो भव: जैसी हमारी संस्कृति का अपमान|जिसकी मीडिया में भी शिवसेना की काफी आलोचना हुई थी। लेकिन गायक कलाकार अभिजीत ने इस मामले पर कहा कि इन बेशर्मो को कितनी बार भगाया है। लेकिन इन्हें थोडी भी शर्म नहीं आती है। इनके पास आत्मसम्मान नाम की कोई चीज़ नहीं है। अभिजीत ने गुलाम अली के खिलाफ कहा है कि इन लोगो के पास सिर्फ आतंकवाद है और हम अपने देश में इन्हें पाल रहे है। पर सिने अभिनेता नसरुददीन शाह ने इस मामले पर दुख जताते हुए कहा कि इस घटना से में बहुत शर्मिंदा हूँ क्योंकि जब में लाहौर गया था तो मेरा बहुत शानदार स्वागत किया गया था। हालाकि भारत और पाकिस्तानी कलाकारो का एक दूसरे के यहां आना जाना लगा रहता है। राजनेता और मीडिया भी खबरों के अलावा आपसी संवाद स्थापित करते रहते है। क्रिकेटर भी मैच के बाद या कमेंटरी रुम में अच्छा वार्तालाप करते है। कभी कोई हिंसा नहीं करते है। अब अन्य प्रतिभाओं को देखे तो सानिया मिर्जा ने पाकिस्तानी क्रिकेटर से निकाह किया और भारत की आतंक की फेक्ट्री कहे जाने वाले दाऊद इब्राहिम ने अपनी बेटी का हाथ पूर्व पाक क्रिकेटर जावेद मियांदाद के बेटे के हाथों में सोपा। उधोगपति और व्यापारी भी अपने हितोनुसार आते जाते और मिलते रहते है। अब इस सारे प्रसंग पर गौर करने बाद कई सारे प्रश्न जन्म लेते है कि जब राजनीति,कला,खेल,व्यापार आदि की पाकिस्तान के साथ कोई दुश्मनी नहीं है तो पाकिस्तान का हिन्दूस्तान में दुश्मन कौन है,वो रोजाना सीज फायर तोड़ भारतीय सेना के जवानों को क्यों मारता है क्या इन जवानों की भारत के अन्दर कोई बड़ी महत्वाकाक्षीं परियोजना चल रही है,जिसे हथियाने के लिये वो उन्हें मारता है ? या फिर ऐसा हो सकता है की सडक के किनारे बैठा कोई गरीब उसका दुश्मन हो या सीमा के नजदीक खेलता मासूम बचपन जो रोज उनकी अचानक हुई गोलाबारी का शिकार होता है! बाजारों में सामान खरीदते लोग बम विस्फोट में उनके शिकार होते है,होटलो में हुऐ हमलो में लोग मरते है क्या यह सब लोग पाकिस्तान के दुश्मन है? पर इन सबने पाकिस्तान का क्या बिगाडा?और जब कलाकारो,व्यापारियों,खेल जगत, राजनीती और मीडिया में से पाकिस्तान का कोई दुश्मन नहीं है तो दुश्मन कौन है?क्यों आतंकी हमले होते है?क्यों रोजाना सीमा पार से सीजफायर टूटते है आखिर दुश्मनी का मापदंड क्या है?
न तो मैं राजनीतिज्ञ हूँ, न कोई बड़ा विचारक या समाज सुधारक परन्तु फिर भी स्थितियों का विश्लेषण करने की मेरी सीमित योग्यता के चलते मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूँ कि पाक मुसलमानों को हिन्दुओं के खिलाफ भडकाकर उनके विकास को अवरुद्ध किया जाता रहा है,जिसके वो सदैव हकदार रहे है। चाहें वो हिन्दूस्तान के हो या पाकिस्तान के हो। मुझे लगता है कि “कुछ” लोगों को लगता रहा है कि यदि मुस्लिम पढ़ लिखकर समझदार और सम्पन्न हो गये तो हिन्दुओं की तरह वह भी किसी एक पार्टी के नहीं रह जायेगें अपनी बुद्धि से काम लेकर अपने हितो के विषय में निर्णय लेने लगेंगे मेरी सभी लोगों से प्रार्थना है कि षड़यंत्र को समझें जो बडी तरकीब से चलाया जा रहा है। पाकिस्तान में हमेशा से हिंदुस्तान का भय दिखाकर सत्ता की कुर्सी पर बैठा जाता रहा है|
इसी तरह भारत में भी धर्मनिरपेक्षता की आड़ में कुर्सी का खेल चलता है जिस तरह कलाकार अपनी कला बेच रहे है उसी तरह राजनीति और मिडिया का एक हिस्सा भी अपनी खबरे बेचकर पैसे कमा रहे है। गुलाम अली का शो रदद होना कोई इतना बड़ा अपराध नही की उसमे देश के प्रधानमंत्री को लपेटा जाये इसके बाद अभिजीत ने जो कहा वह उसकी देश के प्रति आस्था को जताता है उसने कला से पहले देश को सम्मान दिया हो सकता है उसके अन्दर शहीद हुए जवानों के परिवारों के प्रति प्रेम जागा हो आखिर जो लोग सीमा पर बैठकर हमारे हितो की रक्षा करते है क्या हम उनके हित के लिए दो शब्द भी नही कह सकते ! जब हिन्दुस्तान के मुस्लिम राजनेता सलमान रुश्दी के जयपुर साहित्य सम्मेलन में आने का विरोध कर सकते है तो शिवसेना और अभिजीत ने गुलाम अली का विरोध करके कोई पाप अनाचार नहीं किया इनके अन्दर भी देश प्रेम की भावना हिलोरे मार सकती है क्योंकि जिस देश से यह कलाकार आते है उसी देश से हमारे यहाँ आतंक भी आता है जो हमारी कला,धर्म-संस्कृति,पूजीं हमारे सम्मान के रखवालों की रात को गर्दन काटकर सिर ले जाता है| और इन सिरों की उनके देश में बोली लगती है तब यह पाक गजल कलाकार इन इनके क्रिकेटर इन कायराना कुकृत्यों पर दो लाईन नहीं बोलते पर यहां आकर अपनी गजल,शायरी बेचकर पैसा और शोहरत बटोर ले जाते है। अबकी बार जब यह लोग आये तो इनसे एक बात पूछ लेना कि यहां पाकिस्तान का दुश्मन कौनहैं?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *