स्वामी दयानंद के नारी जन जागरण के सन्देश से प्रेरित होकर सैकड़ों महान आत्माओं ने वैदिक धर्म का सन्देश घर-घर पहुँचाने के पवित्र कार्य को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया था। सबसे अधिक प्रेरणा दायक बात यह थी की अनेक आर्य महिलाओं ने भी इस पवित्र कार्य में बढ़ चढ़कर भाग लिया था। आर्य समाज की पहली महिला प्रचारक का नाम माई भगवती था।आपने स्वामी दयानंद जी के दर्शन बम्बई में किये थे। स्वामी जी से प्रेरणा पाकर आपने नारी जाति में वैदिक विचारधारा के प्रचार प्रसार में अपने जीवन को समर्पित किया था। आपने अनेक भजन वैदिक सिद्धांतों पर लिखे थे। आपका देहान्त १८९७ में हुआ था।
आर्य समाज की पहली महिला शास्त्रार्थ महारथी का नाम पंडिता द्रोपदी था। आपने पंडित लोकनाथ तर्कविद्या वाचस्पति जी के साथ संयुक्त रूप से “नारी जाति को यज्ञोपवित का अधिकार हैं” इस विषय पर शास्त्रार्थ किया था जो चार दिनों तक चला था। आपके शास्त्रार्थ रण का परिणाम यह निकला की विजय होने पर ३५० महिलाओं ने अपने अपने के संग यज्ञोपवित यथोचित संस्कार के पश्चात धारण किया था।आर्य समाज के इतिहास के विषय में यह जानकारी वाकई में प्रेरणादायक हैं।
डॉ विवेक आर्य