Dear Aryajan, Arya Sandesh is a weekly official magazine of Delhi Arya Pratinidhi Sabha. Sabha has been releasing this magazine for more than 37 years now. The first edition of…
सन्त गुरू रविदास और आर्य समाज
भारत के प्रसिद्ध सन्तों में शामिल गुरू रविदासजी ने अपनी अन्त: प्रेरणा पर सांसारिक भोगों में रूचि नहीं ली। बचपन में ही वैराग्य-वृति व धर्म के प्रति लगाव के लक्षण…
वेदों में प्रतिपादित समाजवाद: आदर्श समाज निर्माण का सर्वश्रेष्ठ सिद्धांत
संसार में अनेक वाद प्रचलित हैं। इनमें आस्तिकवाद, नास्तिकवाद, एकेश्वरवाद, बहुदेव वाद, भोगवाद, त्यागवाद, साम्यवाद, समाजवाद इत्यादि। वेद इन सबकी उद्गम स्थली हैं पक्ष-विपक्ष के रूप में वहां इन सभी का…
व्रतधारी क्षत्रिय
धृतव्रताः क्षत्रिया यज्ञनिश्कृतो बृहाद्दिवा अध्वराणामभिश्रियः। अग्निहोतार ऋतसापो अदुहोऽपो असृजन्ननु त्रतेर्ये।। ऋ. 10/66/8 अर्थ-(धृतव्रताः) अन्याय को दूर करने का व्रत किया हो जिसने (क्षत्रियाः) पर पीड़ा-निवारक (यज्ञ निश्कृतः) यज्ञादि उत्तम कर्मों को निःषेश रुप…
अनोखे शिष्य: भाई परमानन्द जी
सन् 1905 में महात्मा हंसराज जी ने अपने काॅलेज के एक होनहार प्राध्यापक महोदय को धर्म-प्रचार के निर्मित पूर्वी अफ्रीका भेजा था। वहा° जाते ही वे अपने काम में जुट गए।…