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महर्षि दयानन्द सरस्वति के उपकार

1.) चाहते तो किसी भी बड़े मन्दिर के मठाधीश बनकर अन्य पंडितो की तरह आराम से बैठे बैठे खाते पीते मौज उड़ाते लेकिन ऐसा न करके अपना पूरा जीवन समाज…

मूर्तिपूजा पर निष्पक्ष विचार

मेरे अनेक मूर्तिपूजक मित्र है। सभी जानते है कि मैं मूर्तिपूजा नहीं करता क्यूंकि ईश्वरीय ज्ञान वेद में मूर्तिपूजा को अमान्य कहा है। कारण ईश्वर निराकार और सर्वव्यापक है। इसलिए…