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विश्व की आध्यात्मिक व भौतिक उन्नति का आधार ‘पंचमहायज्ञविधि’

महर्षि दयानन्द जब सन् 1863 में कार्यक्षेत्र में उतरे तो उन्होंने पाया कि सारा भारतीय समाज अज्ञान, अन्धविष्वास एवं कुरीतियो से ग्रसित है। भारतीय समाज की यह दुर्दषा लगभग 5…