हे दम्पती। तुम दोनों (जैसे) भूख से व्याकुल साथ रहने वाले दो पशु (फर्ररेषु) घास के मैदान में आश्रय लेते हैं वैसे ही राग, द्वेष, काम-दाह से पीडि़त हुये आध्यात्मिक…
हे दम्पती। तुम दोनों (जैसे) भूख से व्याकुल साथ रहने वाले दो पशु (फर्ररेषु) घास के मैदान में आश्रय लेते हैं वैसे ही राग, द्वेष, काम-दाह से पीडि़त हुये आध्यात्मिक…