सच बोलना तो हर समाज में गुनाह रहा है। याद करिए कि किस तरह सुकरात को सच बोलने के लिए जहर पीना पड़ा था। तसलीमा को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था…
सच बोलना तो हर समाज में गुनाह रहा है। याद करिए कि किस तरह सुकरात को सच बोलने के लिए जहर पीना पड़ा था। तसलीमा को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था…