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महर्षि दयानन्द सस्वती की दिव्य दृष्टि

पशु केवल नेत्रों से देखता है-पश्यतीति पशुः। वह विचार नहीं कर सकता। मनुष्य विचारपूर्वक देखता है तथा करता है-मत्वा कर्माणि सीव्यति’ ऋषि बिना नेत्रों के ही अत्रः प्रज्ञा से देखता…

सत्य, न्याय एवं वेद के आग्रही महर्षि दयानन्द सरस्वती

महर्षि दयानंद का जन्म फाल्गुनी कृष्ण दशमी सं १८८१ विक्रमी सन  १८२७ ई ण् को सौराष्ट ;गुजरात द्ध टंकारा ए मौरवी में हुआ था ण् इनके पिताजी कृष्णजी तिवारी औदिचय…

महर्षि दयानन्द सरस्वती जी का 130वां निर्वाणोत्सव सम्पन्न

  दिल्ली  की समस्त आर्यसमाजों एवं आर्य संस्थाओं की ओर से आर्य केन्द्रीय सभा दिल्ली राज्य  के तत्वाधान  में आर्यसमाज के संस्थापक, युगप्रवर्तक , समाज सुधारक  महर्षि दयानन्द जी का…

भारतीय क्रांति के अग्रदूत – स्वामी दयानंद

(स्वतंत्रता दिवस के सुअवसर पर प्रकाशित) भारत के स्कूलों में पाठ्यकर्म में जो इतिहास पढ़ाया जाता हैं उससे सभी विद्यार्थियों को यह सिखाया जाता हैं की हमारे देश को आज़ादी…