हम यग्य,सत्संग, व उपासना से जीवन पवित्र करें जीवन में पवित्रता के साधन रुप में हाथ धोना , मुंह धोना तथा स्नान का मुख्य स्थान है तो अध्यात्मिक क्शेत्र में…
रिग्वेद प्रथम अध्याय सूक्त सात के मुख्य आकर्षण
रिग्वेद के प्रथम अध्याय के इस सप्तम सूक्त का आरम्भ प्रभु के स्तवन से , प्रभु की प्रार्थना से , उसकी स्तुति से आरम्भ होता है तथा यह स्तुति करते…
प्रभु हमारे एक मात्र ओर असाधारण मित्र हैं
जब प्रभु जीव का मित्र हो जाता है त्यो जीव को सब कुछ मिल जता है । उस की सब अभिलाषाएं पूर्ण हो जाति हैं , सब इच्छाएम पूर्ण हो…
प्रभु के अनन्त दान
प्रभु के अनन्त दान परमपिता परमात्मा अनेक प्रकार के असीमित दान करने वाला है । जीव इन दनों का पुरी तरह से प्रओग नहीं कर सकता । सम्भव ही नहीं…