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मन्त्रहीन यज्ञ निष्फल

अर्थ – हे परमात्मा (नः) हमारे (वृजिना) छोड़ने योग्य पापों को (शिशीही) क्षीण कीजिये।  हम (ऋचा) मन्त्रो के उपदेश से (अनृच:) जो वेद से अनभिज्ञ है,  उन्हें सम्पर्क में लायें।…

संगीतमय भव्य गाउ कथा एवं यज्ञ सम्पन्न

27, 28, 29 सितम्बर 2013 को प्रातःकालीन सत्र में 8 से 10 बजे तक गुरुकुल हसनपुर की कन्याओं द्वारा यज्ञ में सस्वर वैदिक सूक्तमाला ;गायत्री- महामंत्र, आत्मपावन सूक्त, लक्ष्मी सूक्त,…

वैज्ञानिक दृष्‍टि से भी यज्ञ को समझना होगा

       यह सर्वविदित है कि बढ़ते हुए वायुप्रदुषण से इस समय सारा वैज्ञानिक जगत विशेष चिंतित है। हमारे अनुभवी ऋषि मुनियों ने आदि सृष्‍टि में ही यह बता दिया था…