ओउम जो लोग ग्यान से युक्त होते हैं , वह अपने जीव्न को यग्य्मय बनाते हैं तथा अन्य लोगों को लडाई आदि से दूर रखते हुए उन्हें प्रेम , शान्ति…
लोक हित के कमों से उन्नति सम्भव
संसार में हमारी जितनी भी क्रियाएं हैं , उन सब में हमारा द्रष्टीकोण ” प्राण शक्ति की रक्शा ,तीनों प्रकार के तापों से निव्रति तथा लोक हित होना चाहिये ।…
यज्ञ से स्वर्गिक आनंद यज्ञ
जो व्यक्ति कृपण होता है , उसका समाज में बहिष्कार कर देना चाहिये ताकि उसमें भी दान की वृति पैदा की जा सके | उसके मस्तिष्क में इस बात को…
सोम से हम स्वस्थ हो छोटे प्रभु बनते हैं
सम्पूर्ण जीवन वेदवाणी के विचार का विषय है तथा वह कर्म व पुरुषार्थ प्रधान है । हमें ग्यान देती है । सोम से हम छोटे प्रभु का रुप लेते हैं,…